कबीर ने हिन्दी साहित्य को निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधर दिया। उनकी रचनाएं यथार्थवादी घटनाओं को ध्यान में रखकर रची गई हैं। इसलिए पाठक उनकी रचनाओं के साथ जुड़ जाता है। यही वजह है कि कबीर की रचनाओं में आदर्श और यथार्थ का गंगा-जमुनी संगम है। इस पुस्तक में उनके उन दोहो का संकलन किया गया है, जिन्होंने उन्हें एक महान् और सिद्ध संत के पद पर लाकर प्रतिष्ठित किया है। अपने स्नेह, त्याग, निस्पृहता और अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा ल. कबीर ने हिन्दी साहित्य को निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधर दिया। उनकी रचनाएं यथार्थवादी घटनाओं को ध्यान में रखकर रची गई हैं। इसलिए पाठक उनकी रचनाओं के साथ जुड़ जाता है। यही वजह है कि कबीर की रचनाओं में आदर्श और यथार्थ का गंगा-जमुनी संगम है। इस पुस्तक में उनके उन दोहो का संकलन किया गया है, जिन्होंने उन्हें एक महान् और सिद्ध संत के पद पर लाकर प्रतिष्ठित किया है। अपने स्नेह, त्याग, निस्पृहता और अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा ल